मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस सरकार थी, तब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा विशेष अभियान चलाकर ऐसे लोगो पर कार्यवाही करना जिन बिल्डरो एवं सहकारी समितियों ने मध्य प्रदेश की भोली-भाली जनता को ठगा जिसमें न तो उनको प्लाट दिए गये और न ही उनको उनके जमा रुपए वापस किए गए ऐसे लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाया गया जिसमें शासन के बड़े अफसर, कमिश्नर कलेक्टर को इसकी कमान दी गई और इसकी मॉनिटरिंग की गई जिसमें सहकारी समितियों के अध्यक्षों एवं बिल्डरों को नोटिस दिए गए एवं जिन लोगों के साथ ठगी हुई उनको भी बुलाया गया और ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई गई जो ठगी के शिकार हुए थे उनको वापस प्लॉट मिले या उनकी जमा की हुई रकम वापस मिले , कमिश्नर और कलेक्टर ने इन लोगों की लिस्ट बनाई जल्दी मुख्यमंत्री कमलनाथ का कार्यक्रम आयोजित कर जिनको प्लॉट देना था, उनकी तैयारी हो चुकी थी इनमें बिल्डरों एवं समितियों के अध्यक्षों पर एफ आई आर भी की गई कई सहकारी समितियों को ब्लैक लिस्टेड भी किया गया। बड़े-बड़े लोग डर कर अपने गुनाह कबूल कर रहे थे और सरकार का शिकंजा बहुत मजबूत हो रहा था मगर ऐन वक्त पर तख्तापलट हुआ जिसमें सरकार बीजेपी की बन गई और ऐसे समय बनी जब कोरोना संकट फैला हुआ था। शासकीय अमला कोरोना से सम्बंधित समस्त कार्य में लग गया मगर जिन लोगों को प्लॉट की आस थी और जिन लोगों के प्लाटों के पैसे जमा थे उनको आज भी न्याय की उम्मीद है कि मध्य प्रदेश में वर्तमान सरकार उनको न्याय दिलाएगी एवं उनके प्लाट की जमा रकम उनको वापस दी जायेगी, जिन लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है उन्हें आज भी पूरी आस हे कि उनको उनका प्लाट दिया जायेगा या जमा की हुई रकम वापस मिलेगी , आशा है कि वर्तमान सरकार भी ठगी के शिकार लोगों को उनका हक दिलवा कर रहेंगी।
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