(डेस्क रिपोर्ट)
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिल्ली से आई इनकम टैक्स की टीम ने गुरुवार सुबह फेथ बिल्डर के ऑफिस पर छापामार कार्रवाई की। करीब छह सदस्यीय टीम ने चूना भट्टी स्थित उनके ऑफिस पर यह कार्रवाई शुरू की है। फेथ बिल्डर एक IPS के रिश्तेदार बताए जाते हैं। उनके कारोबार में कई बड़े अधिकारियों और नेताओं का पैसा लगा होने की जानकारी सामने आई है। हालांकि, अभी तक अधिकारियों ने कोई भी जानकारी साझा नहीं की है। शाम करीब 4 बजे अधिकारी इस कार्रवाई के बारे में जानकारी देंगे।फेथ बिल्डर पर छापेमारी के बाद कांग्रेस हमलावर हो गयी है ।
फेथ बिल्डर के मंत्री अरविंद भदौरिया से संबध-केके मिश्रा
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस छापेमारी को लेकर सरकार से सवाल किया है। उन्होंने पूछा है कि भोपाल में IT छापे की जद में आए फेथ बिल्डर प्रमुख राघवेंद्रसिंह तोमर से मंत्री अरविंद भदौरिया के क्या संबंध हैं? किसका कितना पैसा लगा? क्या यह भी सच है कि मंत्री जी कोरोना पॉजिटिव आने के बाद सपत्निक राघवेंद्र तोमर की एकेडमी में कई दिनों तक रुके थे? मंत्री पद से हटाएं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केके मिश्रा ने vedeo जारी कर कहा है कि मंत्री अरविंद भदौरिया ने 5 Feb 2020 को Tweet कर फेथ बिल्डर राघवेंद्र सिंह तोमर को छोटा भाई संबोधित कर जन्मदिन की बधाई दी थी और कोरोनॉ पॉजिटिव के बार सपत्नीक तोमर की अकादमी में आराम फरमाया है । साथ ही केके मिश्रा ने कहा की अरविंद भदौरिया के उक्त बिल्डर से संबध स्पस्ट नजर आते है और ऐसे मंत्री से शीघ्र इस्तीफा लिया जाए
राघवेंद्र तोमर कई व्यवसाय का करते है संचालन
राघवेंद्र तोमर का फेथ नाम से बिल्डर, क्रिकेट क्लब, होटल, रेस्टोरेंट, डेरी, पैकर्स, एग्रो आदि संस्थाओं का संचालन करना बताया जाता है। इनके पिता आईजी के पद से रिटायर्ड होना बताए जाते हैं। एक IPS के सगे रिश्तेदार भी बताए जा रहे हैं।
भोपाल के रातीबड़ में इनका क्रिकेट स्टेडियम है। इसमें एक साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के दो क्रिकेट मैदान बनाए गए हैं। उनका दावा है कि एक साथ दो क्रिकेट ग्राउंड और कहीं नहीं है। यहां पर क्रिकेट अकादमी संचालित की जाती है। इसमें स्विंग पूल से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच और ट्रेनिंग की सभी व्यवस्थाएं हैं।
गिन्नौरी, चिंतामन चौराहा, कोहेफिजा और कोलार इलाकों में बिल्डर के ठिकानों पर एकसाथ सुबह ही 150 से ज्यादा अधिकारियों ने यह कार्रवाई शुरू की। इनके भोपाल, जबलपुर, इंदौर और होशंगाबाद के अलावा अन्य शहरों के साथ ही विदेशों में भी कारोबार करने की सूचना विभाग के पास पहुंची थीं।