5285 पदों पर प्रतिष्ठित समाचार पत्र में रेलवे का फ़र्ज़ी विज्ञापन मामला: एक्टिविस्ट ने की FIR की मांग

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■ भारतीय रेलवे ने ट्वीटर पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि 5285 पर भर्ती के लिए निकाला गया विज्ञापन फर्जी है।

■ भारतीय रेलवे की तरफ से अवेस्ट्रान इन्फोटेक के माध्यम से कोई नियुक्ति नहीं की जा रही है।

● सोशल एक्टिविस्ट ने की FIR की मांग

भोपाल:-  कोरोना काल में बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के लिए फर्जी गिरोह सक्रिय हो गया है। बेरोजगार युवाओं से फॉर्म के नाम पर पैसे वसूले जा सकें, इसके लिए गिरोह ने 5285 पदों पर भर्ती के लिए एक अखबार में नोटिफिकेशन भी जारी किया था जिसके बाद भारतीय रेलवे को जैसे ही इसकी खबर लगी, वैसे ही भारतीय रेलवे ने स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया था ।

भारतीय रेलवे ने ट्वीटर पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि 5285 पदों पर भर्ती के लिए निकाला गया विज्ञापन फर्जी है।

भारतीय रेलवे की तरफ से अवेस्ट्रान इन्फोटेक के माध्यम से कोई नियुक्ति नहीं की जा रही है। कृपया ऐसे विज्ञापनों से सावधान रहे।डीआरएम भोपाल उदय बोरवणकर ने कहा कि फर्जी विज्ञापन करने वाली एजेंसी की जांच रेलवे की तरफ से की जा रही है।उन्होंने कहा कि विज्ञापन में जिन पदों पर भर्तियों की बात कही गई है वे पद पहले ही खत्म किए जा चुके हैं।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, बीते दिनों एक एजेंसी की तरफ से 5285 पदों पर भर्तियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था।इस नोटिफिकेशन के जरिए जूनियर असिस्टेंट के 600 पद, कंट्रोलर 35, बुकिंग क्लर्क 430, गेटमैन 1,200, कैंटीन सुपरवाइजर 350, पियून 1460, केबिन मैन 780 और वेल्डर के 430 पदों पर भर्ती की बात कही गई है।

एजेंसी ने पांच राज्यों के अभ्यर्थी से मांगी अर्जी

ऐसे तो रेलवे के क्षेत्र का बंटवारा जोन से होता है। भारतीय रेलवे 17 जोन में बंटा है। लेकिन विज्ञापन निकालने वाली एजेंसी ने सिर्फ पांच राज्य बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पंजाब के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। एजेंसी की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि उनकी कंपनी सरकारी विभागों के लिए अनुबंध पर कर्मचारियों को बहाल करती है। रेलवे के लिए आउटसोर्स पर 10 से 13 लाख वेकैंसी निकालने का लक्ष्य रखा गया है।
रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, रेलवे मामले की जांच में जुट गया है। रेलवे की ओर से कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया जा सकता है और न ही किसी भी माध्यम से रेलवे में किसी भी प्रकार की नौकरी का भरोसा दिया जा सकता है।

सोशल एक्टिविस्ट डॉ राहुल विजयवर्गीय ने की FIR की मांग

सोशल एक्टिविस्ट डॉ राहुल विजयवर्गीय ने कहा है कि रेलवे के नाम पर दैनिक समाचार पत्र द्वारा बकायदा विज्ञापन जारी करना बेरोजगारों से खिलवाड़ है और इससे रेलवे की साख खत्म होती है । अतिशीघ्र संबधितो पर FIR की जावे । उन्होंने रेल मंत्री को ट्वीट किया है ।

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