03.03 PM बुधवार – 29-07-2020
● पूर्व में PSC परीक्षा भी रह चुकी है विवादों में
● कांग्रेस की मांग FIR दर्ज हो
भोपाल – पीएससी में विवादित प्रश्नो का विवाद अभी थमा भी नही था कि अब मध्यप्रदेश में जेल विभाग की प्रहरी भर्ती परीक्षा विवादों में घिर गई है । मध्यप्रदेश कांग्रेस ने इस भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है ।उसका कहना है भर्ती परीक्षा की रूल बुक में सिक्किम को भारत का हिस्सा नहीं बताया गया है जोकि गंभीर गलती है और दोषियों पर राजद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए ।
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राहुल विजयवर्गीय ने दोषियों को कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा है कि प्रदेश के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाए ।
बीजेपी अब अपने बचाव में इसके पीछे जीएडी के नियमों का हवाला दे रही है । साथ ही सभी प्रदेश के लोगो को आमंत्रित करने से प्रदेश के लोग वंचित हो जाएंगे ।
गौरतलब है कि पीईबी ने जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा-2020 की रूलबुक जारी की है । यह भर्ती ऑल इंडिया स्तर पर निकाली गई है। 282 पदों पर भर्ती होना है ।इसमें पूरे देश के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे।
क्या लिखा है रूल बुक में
रूल बुक के अंदर नागरिकता और स्थाई निवास के संबंध में जानकारी दी गई है ।इस जानकारी के अनुसार नियुक्ति के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए साथ ही आगे लिखा है कि सिक्किम की प्रजा होना चाहिए ।भारतीय मूल का कोई ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो भारत में स्थाई रूप से बसने के अभिप्राय से पाकिस्तान से आया ।साथ ही यह भी लिखा है कि नेपाल की या भारत स्थित किसी पुर्तगाली या फ्रांसीसी प्रदेश की प्रजा होना चाहिए।
ये भी है एक विवाद
रूल बुक में उम्र के क्राइटेरिया को लेकर भी विवाद खड़ा होने लगा है। यह सवाल उन उम्मीदवारों ने उठाया है, जो लंबे समय से भर्ती का इंतजार कर रहे थे. समय पर भर्ती नहीं होने से अनारक्षित वर्ग के ओवरएज उम्मीदवार आयु सीमा 37 साल करने की मांग कर रहे हैं। आरोप है कि भर्ती ऑल इंडिया स्तर पर निकालने से मप्र के युवाओं को अवसर नहीं मिलेगा।अब मांग उठने लगी है कि म प्र के मूल निवासियों के लिए 95 प्रतिशत सीट और बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों के लिए 5 प्रतिशत सीट रिजर्व की जाएं।
जीएडी के नियम का हवाला
इस भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है।कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा सिक्किम भारत का हिस्सा है। विज्ञापन में सिक्किम को भारत का हिस्सा नहीं बताया गया है। यह आपराधिक लापरवाही है ।ऐसे में जिन अधिकारियों ने ये गलती की है उन पर देशद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ विजयवर्गीय ने प्रदेश के लोगो को।शामिल करने की मांग की ।वहीं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा यह पहली बार विज्ञापन नहीं दिया, ऐसे ही दिए जाते रहे हैं।जीएडी के रूल के अनुसार विज्ञप्ति निकाली गई है और कोई अलग से नया शब्द नहीं जोड़ा गया है। यदि किसी में ज्ञान का अभाव है तो मैं उसका ज्ञानवर्धन नहीं कर सकता हूं।कांग्रेस की आपत्ति करने की आदत है।