● 19 लाख की राशि धरोहर के मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति
● पुरातत्व विभाग के रानी रूपमती मकबरे व पीर मासूम दरगाह पर करवाए मेंटेनेंस का मामला
● 19 लाख खर्च कर भी जिले की ऐतिहासिक धरोहर को नही सहज पा रहा है पुरातत्व विभाग
राजगढ़– जिले के विभिन्न ऐतिहासिक स्थल पर्यटन एवम पुरात्तव विभाग की उदासीनता से क्षतिग्रस्त हो रहे है । जिले के कई स्थल को पर्यटन स्पॉट साबित करने में जनप्रतिनिधि भी दूर ही नजर आये है जिसके कारण जिले को पर्यटक के तौर पर आवक नही हो पाई है । जर्जर होते इन ऐतिहासिक धरोहर के लिए संरक्षण और मरम्मत के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओ ने लगातर मांग उठाई थी जिसके बाद एतिहासिक मुल्य की पुरानी संपदाओं, धरोहरों को सहेजने एवं उनके संरक्षण के लिए मध्यप्रदेश शासन ने रंगाई/पुताई व मेंटेनेन्स के लिए लगभग 19 लाख की राशि स्वीकृत की थी लेकिन शासन द्वारा स्वीकृत राशि का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है ये राजगढ़ पुरातत्व विभाग में देखने मिली है।
गत वर्ष पुरातत्व विभाग द्वारा जिले की तीन धरोहरों के संरक्षण रंगाई, पुताई के लिए करीब 19 लाख रुपए की राशि भेजी गई थी लेकिन मेंटेनेन्स के नाम पर विभाग द्वारा केसा गोलमाल किया गया ये इन 3 धरोहर का भौतिक निरीक्षण कर देख सकते है । जानकारी के अनुसार गत वर्ष 2019-20 में पुरातत्व विभाग भोपाल द्वारा जिले की तीन धरोहरों सारंगपुर स्थित रानी रूपमती एवं बाज बहादुर का मकबरा, सारंगपुर के ही पीर मासूम मकबरा एवं राजगढ़ स्थित चारबाग की छतरियों के मेंटनेन्स के लिए करीब 19 लाख रुपए की राशि भेजी गई थी लेकिन उक्त राशि में से थोड़ा बहुत कार्य सिर्फ राजगढ़ में नजर आ रहा है। इसके अलावा सारंगपुर के रानी रूपमति मकबरे एवं पीर मासूम दरगाह को देखकर तो लगता ही नहीं कि यहां मेंटेनेंस के नाम पर कोई काम करवाया भी गया है।
शिकायत पहुची CM के पास
मरम्मत के नाम पर हुए ऐतिहासिक धरोहर पर इस खानापूर्ति की शिकायत मुख्यमंत्री के पास पहुंच गई है प्रदेश महामंत्री देवी सिंह यादव ने सीएम से शिकायत की है कि 19 लाख के हुए इस निर्माण कार्य की जांच कराकर दोषियों पर एफ आई आर की जाए
रानी रूपमति के मकबरे पर 3 लाख 35 हजार खर्च
सारंगपुर क्षेत्र स्थित रानी रूपमती एवं बाज बहादुर के मकबरे पर विभाग ने 3 लाख 35 हजार 896 रुपए की राशि संरक्षण के नाम पर खर्च दर्शाई है लेकिन मकबरे का जायजा लिया तो पाया कि मकबरे के अंदर के चौका टाइल्स कुछ ही महीनों में निकल चुके है वहीं मकबरे में प्रवेश की सैलरी के पिलर टूट-फूट चुके हैं।
पीर मासूम मकबरे पर 8 लाख 65 हजार खर्च दर्शाया
पुरातत्व विभाग राजगढ़ से सारंगपुर के पौर मासूम मकबरे पर रंगाई/पुताई समेत अन्य मेन्टनेस नामों पर 8 लाख 65 हजार खर्च बताया है लेकिन वर्तमान में मकबरे की हालत देखकर लगता ही नही हे कि यहां पुताई कराई हो । वर्तमान में बारिश भी वैसी नही हुई जो।होना चाहिए थी । ऐसे में आधा अधूरा निर्माण कार्य मे भ्रस्टाचार की बू आती है । मकबरे की दीवारों पर ही जगह-जगह कई एवं छोटे पौधे भी उग गए है ऐसे में निर्माण कार्य से कई सवाल खड़े होते है ।
छारबाग की छतरियों के काम का पेमेंट सेविंग अकाउंट में
पुरातत्व विभाग ने मुख्यालय स्थित छारभाग की छतरियों के संरक्षण पर गत वर्ष 7 लाख 48 हजार का काम दर्शाता है। उक्त कार्य के लिए विभाग ने संबधित एजेंसी को भुगतान की वजह को बजाय व्यक्ति के सेविंग अकाउंट में 7 लाख 12 हजार 706 रुपए की राशि जमा कराई है। जोकि अपने आप मे एक अनियमितता दर्शाती है । नियमानुसार संबंधित एजेंसी के करंट अकाउंट में ही इतने बड़े एमाउन्ट की राशि जमा की जानी चाहिए थी
*Version*
काम हुए है लेकिन टाईल्स असामाजिक तत्व निकालकर ले जाते है ।नियमानुसाए पेमेंट हुआ है
जीपीएस चौहान
पुरातत्व अधिकारी राजगढ़
मालवा क्षेत्र रानी रूपमती एवं बाज बहादुर का मकबरा के निर्माण कार्य मे भरस्टाचार हुआ है । संबधितो पर FIR होना चाहिए
देवीसिंग यादव
प्रदेश महामंत्री कांग्रेस