◆ गुना में मंगलवार को किसान से जमीन पर कब्जा छुड़ाने गई थी पुलिस-प्रशासन की टीम
◆ किसान ने अफसरों को सुनाई थी पीड़ा- मैं कब्जेदार नहीं हूं, बंटाई से जमीन ली है, दो लाख का कर्ज है
गुना– गुना में पुलिस द्वारा किसान दंपति की पिटाई का वीडियो और पूरा मामला ट्वीटर पर टॉप ट्रेंड कर रहा है। यहां पर लोग सरकार और पुलिस की आलोचना कर रहे हैं।
कमलनाथ सहित पूरा विपक्ष इस मामले की निंदा कर रहा है । लोग लिख रहे हैं शिवराज सिंह इस्तीफा दो। इस मामले को लेकर हर दो मिनट में एक ट्वीट और रिट्वीट आ रहा है।
पुलिस ने लाठियां और लाते भी चलाईं
कॉलेज के लिए आवंटित भूमि से कब्जा हटाने के दौरान एक दलित दंपती ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। यह घटना जगनपुर चक की दोपहर 2.30 बजे की है। दंपती अपने 7 बच्चों के साथ प्रशासनिक- पुलिस अफसरों के सामने हाथ जोड़ता रहा, उसका कहना था कि यह भूमि गप्पू पारदी ने उसे बटिया पर दी है। कर्ज लेकर वह बोवनी कर चुका है। अगर फसल उजड़ी तो बर्बाद हो जाएगा, लेकिन किसान की फरियादी किसी ने नहीं सुनी
परिवार ने हाथ जोड़े, गिडगिड़ाए, लेकिन पुलिस ने एक न सुनी
जगनपुर चक स्थित 40 से 50 बीघा भूमि पर कई वर्षों से पूर्व पार्षद गप्पू पारदी एवं उसके परिवार का कब्जा है। पारदी परिवार ने इस भूमि राजकुमार अहिरवार को बटिया पर दे दी है। उसने कुछ समय पूर्व ही बोवनी की थी, जो अंकुरित भी हो चुकी है। किसान राजकुमार का कहना था कि उसने 2 लाख कर्ज लेकर बोवनी की है। इससे पहले का भी उस पर 2 लाख का कर्ज चढ़ा हुआ है। चूंकि भूमि पर बुवाई हो चुकी है। इसलिए पूरे परिवार ने अनुरोध किया, हाथ जोड़े कि बाद में यह प्रक्रिया पूरी कर लेना।