- डॉक्टर को जबलपुर आयुर्विज्ञान केंद्र में रजिस्ट्रार नियुक्ति कराने का झांसा दिया था
- क्राइम ब्रांच की टीम ने दो जालसाजों को पकड़ा, मुख्य आरोपी अब भी पुलिस से दूर
भौपाल- क्राइम ब्रांच पुलिस ने ऐसे दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो सीएम शिवराज सिंह चौहान की जाली नोटशीट के जरिए लोगों से ठगी कर रहे थे । गिरोह का सरगना फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. आरोपियों के राजनीतिक कनेक्शन भी सामने आए हैं. यही कारण है कि एक आईएफएस अधिकारी को ठगने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका था.
आईएसएफ अफसर से 10 लाख की ठगी
सूत्रों के अनुसार पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि जालसाजों के द्वारा इसी तरह दो साल पहले भोपाल में एक आईएफएस अफसर से 10 लाख की ठगी की गयी थी। उक्त मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार थे। वहीं पकड़े गये आरोपियों से कई मामलों का खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।
डॉक्टर ने की शिकायत
डॉक्टर हरि सिंह चौरसिया ने भोपाल में क्राइम ब्रांच थाने में शिकायत की,जबलपुर आयुर्विज्ञान केंद्र में रजिस्ट्रार बनाने के लिए उनकी इन ठगों से बात हुई थी. आरोप है कि सौरव मौर्य, इंद्रजीत सिंह और शैलेन्द्र भदौरिया नाम के इन ठगों ने उनसे 10 लाख रुपए मांगे. चौरसिया की बातचीत तीनों आरोपियों से हुई थी. उन्होंने रजिस्ट्रार की नियुक्ति कराने का पूरा भरोसा दिया था. ठगों का कहना था कि उनकी सीएम हाउस में पहचान है और वह यह काम किसी भी हालत में करा देंगे
व्हाट्सएप पर भेजी नोटशीट
भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस के एडिशनल एसपी निश्चल झारिया ने बताया कि आरोपियों ने डॉक्टर चौरसिया को व्हाट्सएप पर नोटशीट भेजी थी. इस नोटशीट में जाली साइन और सील लगी हुई थी. जब डॉक्टर चौरसिया को नोटशीट पर शक हुआ तो उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज कराई. जिस नोटशीट की कॉपी इन ठगों ने डॉक्टर चौरसिया को व्हाट्सएप पर भेजी थी, उसमें सीएम की ओर से जबलपुर आयुर्विज्ञान केंद्र में रजिस्ट्रार पद पर नियुक्ति के लिए सिफारिश की गयी थी. ये नोटशीट जाली थी. आरोपियों ने नोटशीट तैयार कर डॉक्टर चौरसिया को यह भरोसा दिलाया था कि अब जल्द ही विभाग नियुक्ति के आदेश भी जारी कर देगा.