विजयपथ समाचार
भोपाल- मध्यप्रदेश में 2018 मैं हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने और कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधायक आस लगाने लग गए कि 15 वर्षों बाद कांग्रेस सत्ता में आई है हमने भी बहुत मेहनत की हे और विधानसभा चुनाव जिताया है कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता और नेता निगम मंडलों में एडजेस्ट होने के लिए सपना देखने लग गए। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के आते ही निगम मंडल में जमें भाजपा समर्थित अध्यक्ष प्रशासकों के इस्तीफे ले लिए गए उसके बाद से ही निगम मंडलो मे आईएएस अधिकारियों को वहां का अध्यक्ष एवं प्रशासक नियुक्त किया गया करीब 3 दर्जन से अधिक निगम मंडलो आदि जगहों पर आईएएस अधिकारी अध्यक्ष प्रशासक ही कार्य सम्भाले हुये हे। इन दो वर्षों के भीतर कांग्रेस भी निगम मंडलों में अपने कार्यकर्ताओं नेताओं को नहीं नवाज सकी हैं। वही मार्च 2019 में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए हैं क्योंकि महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक जिन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था उनकी संख्या भी अधिक है और भाजपा में भी वरिष्ठ विधायक मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं इस कारण मंत्रिमंडल का विस्तार होने में देर हो रही है वही शिवराज सिंह चौहान ने अपने विधायको को यह आश्वासन भी दिया है कि अगर आपको अभी मंत्री नहीं बनाया जाएगा तो निगम मंडल में आप लोगों की प्रशासकीय नियुक्ति की जाएगी इसके लिए सहकारिता संशोधन बिल भी लेकर आएंगे जिससे प्रशासकीय नियुक्तियों में कोई बाधा नहीं आए शिवराज सिंह चौहान जल्दी ही मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाह रहे हैं क्योंकि जुलाई में विधानसभा का सत्र शुरू होगा उसमें बजट पेश किया जाएगा अभी मुख्यमंत्री के साथ सिर्फ पांच मंत्री हैं और विधान के अनुसार मंत्रियों की संख्या कम से कम 12 होनी चाहिए संख्या पूरी न होने पर दिक्कतें तो कुछ नहीं है मगर शिवराज सिंह चौहान सदन में अपने मंत्रियों का पूर्ण बहुमत रखना चाहेंगे जिससे विधानसभा सत्र चलाने में कोई दिक्कत न आए।