मार्च माह में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई उसके सत्ताधारी जनप्रतिनिधि मंत्री एवं विधायक अपने क्षेत्रों की समस्याओं पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं न ही उन क्षेत्रों का भ्रमण कर रहे हैं और न ही क्षेत्र की जनता से मिल पा रहे हैं कारण यह है कि प्रदेश बीजेपी कार्यालय से पार्टी नेताओं एवं मंत्री विधायकों को उप चुनाव जीतने की तैयारियों में लगाया गया है 24 विधानसभा सीटों के लिए चौबीस ही प्रभारी बनाए गए हैं व प्रबंध समितियां बनाई गई हैं उसमें भी पार्टी नेताओं मंत्री व विधायकों को उप चुनाव संबंधित जिम्मेदारियां दी गई हैं कुछ को रूठे नेताओं को मनाने की एवं कुछ को बागी ना हो जाए पार्टी नेता उनको मनाने की और जिन को टिकट नहीं मिल पा रहा है उनको भी मनाया जा रहा है इसमें वर्तमान मंत्रियों एवं विधायकों को जिनमे नरोत्तम मिश्रा,विश्वास सारंग,तुलसी सिलावट,गोविंद राजपूत, रामेश्वर शर्मा आदि को भी जिम्मेदारी दी गई है इससे यह जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों में ना तो जा पा रहा है और ना ही क्षेत्र की जनता की समस्याओं का निराकरण कर पा रहा है क्षेत्र की जनता को भी इनको ढूंढना पड़ रहा है जिस जनता से उनकी समस्याओं को दूर करने का वादा कर चुनाव जीता यह उस जनता तक पहुंच ही नहीं रहे हैं इससे उपचुनाव में क्या होगा वह तो भगवान ही भरोसे हैं मगर यह अपने क्षेत्रों का ध्यान नहीं रखेंगे तो दोबारा जनता चुनाव नहीं जीतायेगी क्योंकि कोरोना संकट के बीच में जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की जनता से संवाद ही नहीं कर रहे हैं मानसून आने वाला है और क्षेत्र में मानसून आने से पहले जलभराव की समस्या सड़क की समस्या नाला-नाली का सुधार कार्य हो जाना चाहिए था मगर यह जनता के जनप्रतिनिधि जनता से बहुत दूर हैं इन्होंने कई वादे अपने क्षेत्र की जनता से किए हैं और उनकी बदोलत चुनाव जीते हैं ऐसे में इन जनप्रतिनिधि का तो नुकसान होगा ही बीजेपी पार्टी को भी नुकसान होगा क्योंकि कभी ना कभी तो वापस जनता के बीच इनको जाना ही है।
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